मजलूमों की कस्ती के लिए कोई साहिल क्यों नहीं ? मजलूमों की कस्ती के लिए कोई साहिल क्यों नहीं ?
एक है मिट्टी एक है वतन फले फूले हमारा चमन। गुलशन में, इस बगियन में, तरह तरह के फूल ख एक है मिट्टी एक है वतन फले फूले हमारा चमन। गुलशन में, इस बगियन में, तरह...
सरफरोशी का ख़्याल तब हमारे दिल में आया था, लहू का प्रत्येक कतरा इंकलाब लाया था, सरफरोशी का ख़्याल तब हमारे दिल में आया था, लहू का प्रत्येक कतरा इंकलाब ल...
वतन के दीवानों को मरना जीना आता है वतन के दीवानों को मरना जीना आता है
सिर्फ बोलना ही सबकुछ वहीं, आगे आओ देशवासी होने की ज़िम्मेदारी निभाओ सिर्फ बोलना ही सबकुछ वहीं, आगे आओ देशवासी होने की ज़िम्मेदारी निभाओ
हुस्न वालों पर फिसल जायें, वो दिलफेंक आशिक़ नहीं हैं हम। हुस्न वालों पर फिसल जायें, वो दिलफेंक आशिक़ नहीं हैं हम।